मानव क्षमता का भविष्य: कैसे AI हमारे प्रश्न पूछने के तरीके में क्रांति ला रहा है
मानव क्षमता की अवधारणा एक जटिल और बहुआयामी अवधारणा है, और इस पर सदियों से दार्शनिकों, वैज्ञानिकों और विचारकों द्वारा बहस की जाती रही है। हाल ही में, Perplexity के सह-संस्थापक और CEO, अरविंद श्रीनिवास ने, जो एक संवादात्मक खोज इंजन है, इस विषय पर एक TED Talk दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे AI हमारे प्रश्न पूछने के तरीके में क्रांति ला रहा है और मानव क्षमता को गति दे रहा है।
वक्ता का परिचय
Aravind Srinivas at TEDAI San Francisco
अरविंद श्रीनिवास एक पारंपरिक टेक संस्थापक नहीं हैं। उनके पास Berkeley से AI में PhD है और उन्हें एक अकादमिक होने पर गर्व है। वास्तव में, उन्होंने उल्लेख किया कि सम्मेलन में 24 वक्ताओं में से 11 सहित कई टेक संस्थापकों के पास PhD है। उनका सुझाव है कि यह प्रौद्योगिकी स्टार्टअप में एक नया चलन हो सकता है।
प्रौद्योगिकी स्टार्टअप में शिक्षाविदों की प्रवृत्ति
The trend of academics in technology startups
श्रीनिवास ने उल्लेख किया कि University of Maryland के शोधकर्ताओं ने पिछले 20 वर्षों में स्टार्टअप गठन या अमेरिकी PhD द्वारा रोजगार की हिस्सेदारी की दर में 38% की गिरावट पाई है। हालाँकि, सम्मेलन में उपस्थिति और AI प्रौद्योगिकी में व्यापक प्रवृत्ति इस खोज के साथ सहसंबंधित प्रतीत नहीं होती है। केवल समय ही बताएगा कि यह एक नई प्रवृत्ति है या सिर्फ एक संयोग।
खोज का भविष्य
The future of search
श्रीनिवास को 2000 से लैरी पेज के साथ एक साक्षात्कार याद है, जहां पेज ने भविष्यवाणी की थी कि Google का अंतिम संस्करण एक AI होगा जो वेब पर सब कुछ समझ सकता है और उपयोगकर्ताओं को सही उत्तर दे सकता है। श्रीनिवास का कहना है कि यह भविष्यवाणी सच हो गई है, और AI अब खोज के भविष्य को चला रहा है।
अथक पूछताछ
The art of relentless questioning
श्रीनिवास का मानना है कि AI हमें अथक पूछताछ को सक्षम करके और भी अधिक मानव बना देगा। वह सुकराती विधि का हवाला देते हैं, जो अथक पूछताछ का अभ्यास है, जिसे मानव बुद्धि का एक मूलभूत पहलू माना जाता है। AI के साथ, हम बेहतर प्रश्न पूछ सकते हैं और अच्छी तरह से शोध किए गए उत्तर प्राप्त कर सकते हैं, जिससे अधिक ज्ञान और दुनिया की गहरी समझ प्राप्त होती है।
AI की शक्ति
The power of AI in answering questions
श्रीनिवास का कहना है कि AI में किसी भी प्रश्न का उत्तर देने की शक्ति है, और इंटरनेट के साथ, हमारे पास दुनिया की सभी जानकारी तक पहुंच है। हालाँकि, AI स्रोतों के साथ अच्छी तरह से शोध किए गए उत्तर प्रदान करके इसे एक कदम आगे ले जाता है, जिससे हमें जानकारी पर भरोसा करने और अधिक प्रश्न पूछने की अनुमति मिलती है।
Perplexity: एक संवादात्मक खोज इंजन
Perplexity: a conversational search engine
श्रीनिवास ने Perplexity की सह-स्थापना की, जो एक संवादात्मक खोज इंजन है जो उपयोगकर्ताओं को प्रश्न पूछने और स्रोतों के साथ अच्छी तरह से शोध किए गए उत्तर प्राप्त करने की अनुमति देता है। उनका कहना है कि Perplexity का लक्ष्य एक ऐसा मंच प्रदान करना है जहां लोग कोई भी प्रश्न पूछ सकें और एक विश्वसनीय उत्तर प्राप्त कर सकें, जिससे अधिक ज्ञान और दुनिया की गहरी समझ प्राप्त हो सके.
मानव जिज्ञासा का भविष्य
The future of human curiosity
श्रीनिवास का मानना है कि एक ऐसे युग में जहां AI हमारे प्रश्नों का उत्तर देने में बेहतर होता जा रहा है, मानव जिज्ञासा और भी अधिक आवश्यक हो जाएगी। हमारे लिए दुनिया के सभी उत्तर उपलब्ध होने के साथ, हम अधिक प्रश्न पूछ सकेंगे और नए विषयों का पता लगा सकेंगे, जिससे दुनिया और खुद की गहरी समझ प्राप्त होगी।
ज्ञान का लोकतंत्रीकरण
The democratization of knowledge
श्रीनिवास का कहना है कि AI में ज्ञान का लोकतंत्रीकरण करने की शक्ति है, जो इसे सभी के लिए उपलब्ध कराता है, चाहे उनकी पृष्ठभूमि या स्थान कुछ भी हो। Perplexity के साथ, कोई भी प्रश्न पूछ सकता है और एक अच्छी तरह से शोध किया गया उत्तर प्राप्त कर सकता है, जिससे ज्ञान और अवसरों का अधिक समान वितरण हो सकता है।
निष्कर्ष
Conclusion: the future of human potential
निष्कर्ष में, श्रीनिवास का मानना है कि AI में अथक पूछताछ को सक्षम करके और अच्छी तरह से शोध किए गए उत्तर प्रदान करके मानव क्षमता को गति देने की शक्ति है। ज्ञान के लोकतंत्रीकरण के साथ, हम अधिक प्रश्न पूछ सकेंगे और नए विषयों का पता लगा सकेंगे, जिससे दुनिया और खुद की गहरी समझ प्राप्त होगी। मानव क्षमता का भविष्य उज्ज्वल है, और AI सिर्फ शुरुआत है।